रांची: झारखंड के आदिवासी बहुल प्राथमिक विद्यालयों में स्थानीय और जनजातीय भाषा की पढ़ाई शीघ्र ही शुरू होने जा रही है। मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के निर्देश पर शिक्षा विभाग इस योजना की रूपरेखा को अंतिम रूप दे रहा है और 33 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया इसी महीने से शुरू करने की तैयारी में जुटा हुआ है। राज्य में कुल 34,847 प्राथमिक विद्यालय हैं, जहां घंटी आधारित शिक्षक रखे जाएंगे। ये शिक्षक स्थानीय भाषा और जनजातीय भाषा की पढ़ाई कराएंगे और उन्हें प्रति घंटी लगभग 200 रुपये का भुगतान किया जाएगा।
दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन (गुरुवार) को रांची लौटेंगे। रांची पहुंचने के बाद वे सीधे प्रोजेक्ट भवन जाएंगे और सरकारी कामों को तेजी से ट्रैक पर लाने के लिए विभिन्न योजनाओं पर काम करेंगे। सूत्रों के अनुसार, अगले 3 से 4 महीनों में मुख्यमंत्री की सरकार कई नई योजनाओं को धरातल पर उतारने की योजना बना रही है। इसके साथ ही, राज्य की संस्कृति और भाषा को संरक्षित करने पर भी जोर दिया जा रहा है। प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के लिए झारखंड में 12,314.21 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।
भाषाओं के लिए शिक्षकों की नियुक्ति
स्थानीय और जनजातीय भाषाओं में पढ़ाई के लिए राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्राथमिक विद्यालयों में कितने शिक्षकों की आवश्यकता होगी, इसका सर्वेक्षण अब अंतिम चरण में है। पिछले 2 महीने से स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा यह सर्वेक्षण कराया जा रहा है, जिसमें यह आकलन किया गया है कि किस भाषा के लिए कितने शिक्षक चाहिए। कुडुख, मुंडारी, संथाली, खड़िया, हो, ओड़िया, और बांग्ला जैसी जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं की पाठ्य पुस्तकों का मुद्रण और वितरण किया गया है। शिक्षकों की नियुक्ति इन्हीं भाषाओं में पढ़ाने के लिए घंटी आधारित की जाएगी।
सहायक आचार्य की नियुक्ति परीक्षा
इसके अलावा, राज्य में 26,001 सहायक आचार्यों की भर्ती के लिए भी इसी महीने परीक्षा आयोजित की जाएगी। सहायक आचार्यों के लिए अब तक केवल हिन्दी विषय की परीक्षा आयोजित की गई है। बाकी विषयों की परीक्षाएं लोकसभा चुनाव 2024 के कारण स्थगित कर दी गई थीं। इसके लिए JSSC (झारखंड कर्मचारी चयन आयोग) संशोधित तारीख जल्द ही जारी करेगा। 27-29 अप्रैल तक पारा शिक्षकों ने सहायक आचार्य के लिए हिंदी विषय की परीक्षा दी थी, जबकि 2-3 मई को गैर पारा शिक्षक अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी।
इस प्रकार, मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के निर्देशन में शिक्षा विभाग शिक्षकों की नियुक्ति और शिक्षा के गुणवत्ता सुधार के लिए बड़े कदम उठा रहा है, जो झारखंड के शिक्षा परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा।